✦ निबंध: शिक्षा ही सच्ची सम्पत्ति है शिक्षा मनुष्य के जीवन की सबसे मूल्यवान सम्पत्ति है। धन, सोना-चाँदी या भौतिक सुख-सुविधाएँ समय के साथ नष्ट हो सकती हैं, लेकिन शिक्षा एक ऐसी निधि है जो कभी घटती नहीं। यही कारण है कि हमारे पूर्वजों ने शिक्षा को जीवन का वास्तविक धन माना है। शिक्षा का अर्थ केवल अक्षर-ज्ञान तक सीमित नहीं है। यह मनुष्य के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करती है। शिक्षा हमें अच्छे-बुरे का भेद सिखाती है, सही दिशा में सोचने की शक्ति देती है और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित करती है। यदि किसी के पास धन है परन्तु शिक्षा नहीं, तो वह उस धन का सही उपयोग नहीं कर पाएगा। इसके विपरीत, शिक्षित व्यक्ति सीमित साधनों के बावजूद जीवन को सफल और सार्थक बना सकता है। > इतिहास साक्षी है कि कई महान व्यक्तित्व गरीबी में जन्मे, लेकिन शिक्षा के बल पर उन्होंने ऊँचाइयाँ प्राप्त कीं। डॉ. भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी, एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महान लोगों ने शिक्षा को अपनी सबसे बड़ी पूँजी माना। उन्होंने सिद्ध किया कि शिक्षा ही असली सम्पत्ति है, जो समाज और राष्ट्र दोनों को सशक्त ब...
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